Saturday, January 7, 2012

कॉपियां देखकर फिर संतुष्ट नहीं हुए विद्यार्थी

कॉपियां देखकर फिर संतुष्ट नहीं हुए विद्यार्थी

लखनऊ, 6 जनवरी (जागरण संवाददाता) : लखनऊ विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रणाली से बीएड के विद्यार्थियों ने भी असंतोष जाहिर किया है। विद्यार्थियों ने सूचना अधिकार के तहत कॉपियां देखने के लिए आवेदन किया था, इन्हें सुबह ज्योतिर्विज्ञान भवन में परीक्षा के लिए बुलाया गया। कई विद्यार्थियों की कॉपियों में अंकों का जोड़ कम निकला, वहीं कुछ विद्यार्थियों ने मूल्यांकन सही न होने की शिकायत की, इस कारण आक्रोशित छात्राओं और शिक्षकों के बीच काफी बहस हुई। विश्वविद्यालय में कॉपियां देखने के लिए विद्यार्थी धड़ल्ले से सूचना कानून का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन इससे उन्हें कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। विद्यार्थी शिकायत करते हैं कि जांचे गए प्रश्न में उन्हें अंक अधिक मिलने चाहिए थे, जो कम दिए गए हैं लेकिन शिक्षक मानने को तैयार नहीं होते। ऐसा कोई मापक ही नहीं है जो यह बता सके कि छात्र को सही अंक मिले हैं या फिर गलत। शिक्षक मूल्यांकन को बिल्कुल ठीक बता रहे हैं। शुक्रवार को बीएड के विद्यार्थियों को कॉपियां देखने के लिए बुलाया गया। 25 विद्यार्थियों ने 96 कापियां देखी। इनमें से ज्यादातर विद्यार्थियों ने आपत्ति जाहिर की लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई। शिक्षकों से दो छात्राओं की काफी बहस भी हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। जिन विद्यार्थियों के अंकों के जोड़ में अंतर मिला है, लविवि प्रशासन उसे ठीक करा देगा। हालांकि मूल्यांकन से असंतुष्ट अन्य विद्यार्थियों को कॉपियां देख कर निराश ही लौटना पड़ा। व्यवस्था की खुली पोल लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है। कला संकाय के कमरा नंबर बीस में शुक्रवार को एमसीए के विद्यार्थियों का पेपर था। छात्र परीक्षा देने पहुंचे तो एक कुत्ता मरा पड़ा था। परीक्षा के पहले कमरे की जांच नहीं की गई। नियमत: कमरों में ताला लगाया जाना चाहिए, लेकिन यह भी नहीं किया गया। विद्यार्थी आधा घंटा खड़े रहे और अधिकारी एक-दूसरे को फोन करते रहे। बाद में विद्यार्थियों की परीक्षा का इंतजाम दूसरे कमरे में किया गया।
News : Jagran (7.01.2012)

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