Monday, January 9, 2012

रमाबाईनगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से हटाया एक और नकाब

रमाबाईनगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से हटाया एक और नकाब


रमाबाई नगर में टीईटी परीक्षा में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले सैकड़ो छात्र-छात्राओं के भविष्य से खेलने वाले रैकेट के दो और सदस्यों को रमाबाई नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक आल्टो कार और पांच लाख रूपए बरामद किये हैं, पकडे गए अभियुक्तों में एक असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश है और दूसरा अभियुक्त एक एनजीओ चलता है, पुलिस अभी इनसे पूछताछ कर शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों के नाम आने की बात कह रही है।

 इन दोनों ने मिलकर नौकरी का सपना देखने वाले सैकड़ो लोगों से करोड़ों रूपये लेकर शिक्षा के पवित्र नाम को अपवित्र किया है, दरअसल रमाबाई नगर जिले में बीती 31 तरीख को पुलिस ने टीईटी परीक्षा में फेरबदल करने वाले रैकेट के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लगभग 87 लाख रूपए बरामद किये थे। पकडे गए अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पुलिस की जांच आगे की दिशा में बढ़ रही थी कि तभी आज मिली सूचना पर पुलिस ने रमाबाई नगर के अकबरपुर इलाके में घेराबंदी कर एक आल्टो गाड़ी को धर दबोचा

रमाबाई नगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से नकाब हटाकर यह दिखा दिया है कि शिक्षा की आड़ में कैसे करोड़ों रूपयों की बंदरबाट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। टीईटी परीक्षा में साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी करने का सपना देखा था। उनमे से जिन अभ्यर्थियों के सत्तर नंबर आए थे, उन अभियार्थियों से पैसा लेकर 70 से 128 नंबर करवाने को लेकर एक लाख से तीन लाख रूपए तक वसूले गए लिहाजा रुपयों की धमक साफ़ नज़र आयी और चार बार टीईटी परिणाम में फेरबदल हुआ पकडे गए नरेन्द्र प्रताप सिंह को आठ सौ लोगों की लिस्ट दी गयी थी और उन सब से एक-एक लाख रुपयों के हिसाब से पैसा ऊपर पहुंचाना था  यानी एक शिक्षक की नौकरी पक्की करवाने के लिए नरेन्द्र प्रताप सिंह को एक लाख ऊपर पहुंचाना था और लिहाजा नरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी मलायी काटी और एक लाख की जगह डेढ़ लाख नीचे के लोगों से लिया। वहीं नौकरी लगवाने और नंबर बढ़वाने के लालच में छात्र-छात्राओं ने जोड़ बटोर कर पैसे दे दिए। वही टीईटी परीक्षा में घपला करने वाले लोगो की एक के बाद एक गिरफ्तारी ने यक़ीनन शिक्षा विभाग में हो रही घोटालेबाजी की असली तस्वीर को बयां कर दिया है। वही पुलिस अभी इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों के लिप्त होने की बात कह रही है
आल्टो कार में सवार नरेन्द्र प्रताप सिंह जो असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश और दूसरा शख्स राम शंकर मिश्रा जो की पारित महिला साक्षरता के नाम से एनजीओ चलाता है, ये दोनों अपने साथियों से मिलने माती जेल जा रहे थे। पुलिस ने इनके पास से पांच लाख रूपए भी बरामद किए हैं।

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